मंत्रालय को ओर से दिए गए जानकारी में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा उठाया गया कदम बेहद सामयिक है जो निश्चित रूप से भारत के नागरिकों की निजता के अधिकार की रक्षा करेगा.
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) जिसने व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति का खुल कर प्रचंड विरोध किया था और केंद्र सरकार से व्हाट्सऐप के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की थी, ने आज प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद की सराहना करते हुए कहा की सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आज व्हाट्सऐप को अपनी निजता नीति वापिस लेने का निर्देश देकर यह साफ़ कर दिया की कोई भी भारत के कानूनों से खिलवाड़ नहीं कर सकता है.
सरकार देश के नागरिकों की निजता के मूल अधिकार की रक्षा करने में कोई भी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी. कैट ने व्हाट्सऐप की नई अपडेट की गई मनमानी और एकतरफा गोपनीयता नीति के संबंध में पिछले सप्ताह ही उच्चतम न्यायालय में इस मुद्दे पर एक याचिका दायर की है जिस पर जल्द ही सुनवाई होनी है.
सरकार का कदम स्वागत करने योग्य
कैट के कहा की कैट द्वारा मंत्रालय को दिए गए विभिन्न पत्रों के प्रत्युत्तर में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा उठाया गया कदम बेहद सामयिक है जो निश्चित रूप से भारत के नागरिकों की निजता के अधिकार की रक्षा करेगा . भरतिया और खंडेलवाल दोनों ने कहा कि कैट इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका जारी रखेगा क्योंकि कैट ने व्हाट्सऐप के साथ फेसबुक को भारतीय नागरिकों के डेटा का दुरुपयोग करने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया है और शीर्ष अदालत द्वारा सरकार को डाटा गोपनीयता पर एक व्यापक नीति बनाने के लिए निर्देशित करने का भी आग्रह किया है.
मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
यह केवल व्हाट्सएप या फेसबुक का ही मामला नहीं है जो नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि सैकड़ों अन्य समान रूप से भारत में व्यापार करने वाले अन्य प्लेटफॉर्म एवं एप्लिकेशन से भी जुड़ा है जो अपने एप्लिकेशन और प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारतीय नागरिकों का डाटा अर्जित कर उसका दुरुपयोग कर रहे हैं और उक्त डेटा भारत में और भारत के बाहर बेचा जा रहा है.
डाटा की सुरक्षा पर सवाल
कैट ने यह भी कहा कि व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति को एक मुद्दा बनाने के अलावा कैट ने सरकार से यह भी जांच करने की मांग की है कि व्हाट्सएप और उसकी मूल कंपनी फेसबुक द्वारा अब तक किस तरह का डेटा अर्जित किया गया है और क्या वो डाटा भारत में ही संग्रहीत है या अन्य देशों में स्थानांतरित कर दिया गया है. ये सबसे प्रासंगिक सवाल हैं और इसलिए सुप्रीम कोर्ट में कैट द्वारा दायर याचिका के जरिए कैट इस मामले की तह तक की छानबीन करवाने का पूरा प्रयास करेगा.